जानिए डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) के मुख्य कारण, लक्षण, घरेलू इलाज और बचाव के आसान तरीके। यह जानकारी आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है।

डायबिटीज और बीपी क्या है?
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में डायबिटीज (मधुमेह) और हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) आम स्वास्थ्य समस्याएं बन चुकी हैं। ये दोनों बीमारियाँ धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर कर देती हैं और कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।
डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) का स्तर सामान्य से ज्यादा हो जाता है। वहीं, हाई बीपी यानी हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों में खून का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है।
इन दोनों बीमारियों का समय रहते इलाज और सही देखभाल बहुत जरूरी है।
डायबिटीज के प्रकार
डायबिटीज मुख्यतः तीन प्रकार की होती है:
टाइप 1 डायबिटीज: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी होती है, जिसमें शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। यह बच्चों और युवाओं में ज्यादा पाई जाती है।
टाइप 2 डायबिटीज: इसमें शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता। यह सबसे सामान्य प्रकार है।
जेस्टेशनल डायबिटीज: यह गर्भावस्था के दौरान होता है और कुछ मामलों में प्रसव के बाद ठीक हो जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) क्या होता है?
हाई बीपी को “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है क्योंकि यह बिना किसी विशेष लक्षण के धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। सामान्य ब्लड प्रेशर की रेंज होती है 120/80 mmHg। जब यह 140/90 mmHg से ऊपर हो जाए, तो इसे हाई बीपी माना जाता है।
डायबिटीज और बीपी के सामान्य लक्षण
- बार-बार पेशाब आना
- अधिक प्यास लगना
- थकान महसूस होना
- वजन का अचानक कम होना
- आंखों की रोशनी कमजोर होना
- घाव का देर से भरना
हाई बीपी के लक्षण:
- सिरदर्द
- धड़कन तेज होना
- चक्कर आना
- थकान या भ्रम की स्थिति
- नाक से खून आना (कुछ मामलों में)
- छाती में दबाव
ध्यान दें: हाई बीपी अक्सर बिना लक्षणों के भी हो सकता है, इसलिए नियमित जांच जरूरी है।
डायबिटीज और बीपी के मुख्य कारण
डायबिटीज के कारण:
- मोटापा
- शारीरिक गतिविधियों की कमी
- अनुवांशिक कारण (पारिवारिक इतिहास)
- अस्वस्थ खानपान
- तनाव
हाई बीपी के कारण:
- नमक का अधिक सेवन
- तनाव और चिंता
- धूम्रपान और शराब का सेवन
- मोटापा
- अनुवांशिक कारण
- उम्र बढ़ने के साथ
बचाव के आसान उपाय
डायबिटीज से बचाव:
- नियमित व्यायाम करें (30 मिनट रोजाना वॉक या योग)
- संतुलित और फाइबर युक्त भोजन करें
- मीठी चीज़ों का सेवन सीमित करें
- समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच कराएं
- वजन को नियंत्रित रखें
हाई बीपी से बचाव:
- कम नमक वाला भोजन लें
- स्ट्रेस से बचें और मेडिटेशन करें
- शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं
- शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं
- नियमित ब्लड प्रेशर जांच कराएं
- हरी सब्जियों और फलों का सेवन बढ़ाएं
घरेलू उपाय जो मदद कर सकते हैं
- मेथी दाना (डायबिटीज के लिए): रातभर भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं।
- लहसुन (बीपी के लिए): खाली पेट लहसुन की एक कली चबाएं, यह बीपी को नियंत्रित करता है।
- एलोवेरा और करेले का जूस: ब्लड शुगर के लिए लाभदायक है।
- अर्जुन की छाल: हाई बीपी के मरीज इसका काढ़ा पी सकते हैं।
- तुलसी के पत्ते: सुबह खाली पेट 4-5 पत्ते चबाना लाभदायक होता है।
नोट: किसी भी घरेलू उपाय को आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
इलाज कैसे होता है?
डायबिटीज का इलाज:
- इंसुलिन इंजेक्शन (टाइप 1 में जरूरी)
- ब्लड शुगर कंट्रोल करने वाली दवाइयाँ
- खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव
- रेगुलर डॉक्टर की सलाह
हाई बीपी का इलाज:
- बीपी कंट्रोल करने की दवाइयाँ
- लाइफस्टाइल में सुधार
- मानसिक तनाव कम करना
- नियमित रूप से बीपी चेकअप
डायबिटीज और बीपी के जोखिम
यदि डायबिटीज और बीपी का समय पर इलाज न हो, तो यह बीमारियाँ कई अन्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं:
- हृदय रोग (Heart Attack)
- किडनी खराब होना
- स्ट्रोक (मस्तिष्काघात)
- आंखों की रोशनी जाना
- नसों को नुकसान
- पैरों में सुन्नपन या घाव
कब डॉक्टर से मिलें?
अगर आपको बार-बार प्यास लगती है, थकान महसूस होती है, चक्कर आते हैं या सिर दर्द बना रहता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित जांच के माध्यम से इन बीमारियों को शुरू में ही पहचाना जा सकता है।
ध्यान रखें:सेहत ही असली संपत्ति है। इसे नजरअंदाज न करें।