1 जून 2025 से बदल जाएंगे UPI के नियम – जानिए नया क्या है और कैसे करें तैयारी

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आज के डिजिटल युग में मोबाइल और इंटरनेट हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। खासकर जब बात आती है पैसों के लेन-देन की, तो UPI (Unified Payments Interface) ने सबकुछ बेहद आसान बना दिया है। अब ना कोई लंबी कतारें, ना ही कैश की चिंता। लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए नए नियम भी लाए जा रहे हैं।

1 जून 2025 से NPCI (National Payments Corporation of India) कुछ नए नियम लागू करने जा रहा है जो हर UPI यूजर को जानना जरूरी है। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये बदलाव क्या हैं, इनका क्या असर होगा और हमें क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए।

🔷 1. पैसे भेजते वक्त दिखेगा रिसीवर का असली नाम

➤ अब तक की स्थिति:

जब आप किसी को पैसे भेजते हैं, तो नाम उस व्यक्ति का दिखता है जो आपके कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव है, या जो UPI ID में दिखता है। कई बार इससे धोखा हो जाता है।

➤ नया नियम क्या है?

अब जब भी आप किसी को पैसे भेजेंगे, UPI ऐप उस व्यक्ति का बैंक में रजिस्टर्ड असली नाम दिखाएगा।

➤ फायदा क्या होगा?

  • ट्रांजैक्शन से पहले पुष्टि हो सकेगी कि पैसा सही व्यक्ति को ही भेजा जा रहा है।
  • गलत ट्रांजैक्शन की संभावना बहुत कम हो जाएगी।
  • फ्रॉड के मामलों में गिरावट आएगी।

🔷 2. 90 दिन तक बंद मोबाइल नंबर की UPI ID होगी बंद

➤ अब तक की स्थिति:

अगर आपने मोबाइल नंबर बदल दिया और पुराना नंबर बंद कर दिया, तो UPI ID उसी नंबर से जुड़ी रह जाती है।

➤ नया नियम क्या है?

यदि कोई मोबाइल नंबर 90 दिनों तक एक्टिव नहीं रहता, तो उससे जुड़ी UPI ID ऑटोमैटिक बंद कर दी जाएगी।

➤ फायदा क्या होगा?

  • अगर वह नंबर किसी और को अलॉट हो गया हो, तब भी आपका बैंक खाता सुरक्षित रहेगा।
  • एकाउंट हैकिंग और मिसयूज़ से सुरक्षा

क्या करें?

  • मोबाइल नंबर बदलते ही बैंक में अपडेट कराएं।
  • पुराने नंबर को दोबारा चालू ना करें तो UPI ID खुद-ब-खुद निष्क्रिय हो जाएगी।

🔷 3. ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव – अब कितना पैसा भेज पाएंगे?

सामान्य UPI यूजर्स (P2P):1 लाख रुपये तक का लेन-देन पहले की तरह जारी रहेगा।

विशेष सेक्टर (हॉस्पिटल/एजुकेशन):अब इन क्षेत्रों में UPI पेमेंट की लिमिट 5 लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है।

ट्रांजैक्शन की संख्या: 1 दिन में 20 ट्रांजैक्शन तक ही संभव होंगे।

नए यूजर्स के लिए: रजिस्ट्रेशन के पहले 24 घंटों में केवल ₹5000 तक की लिमिट।

फायदा क्या है?

  • अनावश्यक ट्रांजैक्शन से बचाव।
  • सिस्टम पर लोड कम।
  • फ्रॉड की संभावना घटती है।

🔷 4. 1 साल से निष्क्रिय UPI IDs होंगी बंद

➤ अब तक की स्थिति:

UPI IDs अकसर लंबे समय तक बिना इस्तेमाल के भी ऐक्टिव रहती थीं।

➤ नया नियम क्या है?

जिन UPI IDs का 1 साल से इस्तेमाल नहीं हुआ, उन्हें स्वतः बंद कर दिया जाएगा।

क्यों ज़रूरी है ये कदम?

  • अव्यवस्थित और पुराने डेटा को हटाना।
  • डोर्मेंट IDs के दुरुपयोग की संभावना खत्म करना।

🔷 5. पेमेंट करते वक्त होगा मजबूत ऑथेंटिकेशन (MFA)

➤ नया क्या है?

अब से हर ट्रांजैक्शन के लिए आपको दो चरणों में सत्यापन (MFA) करना होगा:

  • OTP (वन टाइम पासवर्ड)
  • UPI पिन

फायदा?

  • आपका ट्रांजैक्शन सुपर सिक्योर रहेगा।
  • किसी और के पास आपकी जानकारी होने पर भी ट्रांजैक्शन संभव नहीं होगा।

🔷 6. सावधान रहें इन बातों से – फ्रॉड से बचने के उपाय

  • किसी भी अनजान QR कोड को स्कैन ना करें।
  • अनजान लिंक या कॉल से दूर रहें।
  • कोई भी ऐप या बैंक डिटेल किसी के साथ शेयर ना करें।
  • सोशल मीडिया या ईमेल से आई suspicious link को इग्नोर करें।
  • हमेशा बैंक का ऑफिशियल ऐप ही इंस्टॉल करें।

🔷 7. UPI ऐप यूज़ करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

  1. ✅ UPI ऐप को हमेशा लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखें।
  2. ✅ पैसे भेजते वक्त रिसीवर का असली नाम जरूर चेक करें।
  3. ✅ मोबाइल नंबर हमेशा एक्टिव रखें।
  4. ✅ किसी भी गड़बड़ी पर तुरंत बैंक की हेल्पलाइन से संपर्क करें।
  5. ✅ अपने बैंक या NPCI की वेबसाइट से समय-समय पर अपडेट लेते रहें।

🔷 8. 1 जून 2025 के बाद क्या जरूरी है आपके लिए?

कार्यज़रूरी क्यों है
ऐप की सेटिंग्स चेक करेंनए फीचर्स और सिक्योरिटी ऑप्शंस
मोबाइल नंबर अपडेट करेंUPI ID बंद होने से बचाव
ट्रांजैक्शन लिमिट समझेंसही फाइनेंशियल प्लानिंग
फ्रॉड से जुड़े अलर्ट्स पढ़ेंडेटा सेफ्टी
NPCI की गाइडलाइन फॉलो करेंनियमों के उल्लंघन से बचाव

🔷 9. PhonePe, Google Pay, Paytm और BHIM यूजर्स के लिए खास सुझाव

  • सभी लोकप्रिय UPI ऐप्स में 1 जून से बदलाव दिख सकते हैं
  • ऐप्स की सेटिंग में जाकर बायोमेट्रिक लॉगिन या MFA ऑप्शन इनेबल करें।
  • पुरानी या बिना उपयोग वाली UPI IDs को खुद से डिलीट करें।
  • कस्टमर केयर या ऐप सपोर्ट से किसी भी समस्या पर तुरंत संपर्क करें।

🔷 10. NPCI का उद्देश्य – क्यों हो रहे हैं ये बदलाव?

NPCI चाहता है कि:

  • हर डिजिटल पेमेंट सुरक्षित और तेज़ हो।
  • धोखाधड़ी की घटनाएं कम हों।
  • सिस्टम ज्यादा ट्रांसपेरेंट बने।
  • UPI को विश्व स्तर पर अपनाया जा सके

निष्कर्ष – तैयार रहें और सुरक्षित रहें

1 जून 2025 से UPI से जुड़े ये नए नियम हर यूजर के लिए जरूरी हैं। ये न केवल आपके डिजिटल ट्रांजैक्शन को सुरक्षित बनाएंगे, बल्कि आपके पैसों को भी गलत हाथों में जाने से बचाएंगे। NPCI का यह कदम एक स्मार्ट और सेफ डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा प्रयास है।

अब आपकी जिम्मेदारी है कि:

  • नए नियमों को अपनाएं।
  • सही सावधानी बरतें।
  • और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करें।

याद रखें – जागरूक यूजर ही सुरक्षित यूजर होता है।

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