आयुर्वेद का इलाज: प्राकृतिक तरीके से रोगों से मुक्ति पाने की सम्पूर्ण विधि

WhatsApp Group Join करें
Telegram Group Join करें

आयुर्वेद का इलाज एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो शरीर, मन और आत्मा का संतुलन बनाकर रोगों को जड़ से खत्म करता है। आयुर्वेद का इलाज न केवल शरीर के रोगों का समाधान करता है बल्कि जीवन को एक संतुलित, शुद्ध और ऊर्जा से भरपूर दिशा देता है। यदि आप प्राकृतिक, सुरक्षित और संपूर्ण समाधान की तलाश में हैं, तो आयुर्वेद आपके जीवन में चमत्कार ला सकता है।

आयुर्वेद का इलाज: रोगों से मुक्ति का प्राकृतिक उपाय

परिचय

आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन और समग्र चिकित्सा प्रणाली है जो हजारों वर्षों से मानव जाति की सेवा में लगी हुई है। यह केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करती है। आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी और रासायनिक दवाओं के दुष्प्रभावों के बीच, आयुर्वेद एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा है।

आयुर्वेदिक इलाज की 5 प्रमुख कैटेगरी

1. शोधन चिकित्सा (Detoxification – पंचकर्म)

शोधन का अर्थ है शरीर को शुद्ध करना। पंचकर्म आयुर्वेद की विशेष विधि है जिसमें पाँच प्रक्रियाएँ होती हैं:

  • वमन (उल्टी द्वारा शुद्धि)
  • विरेचन (पेट साफ करना)
  • बस्ती (एनिमा)
  • नस्य (नाक के द्वारा द्रव देना)
  • रक्तमोक्षण (रक्त शुद्धि)

इसका उद्देश्य शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना होता है।

2. शमन चिकित्सा (Symptom Management)

इस विधि में औषधियों, आहार और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से रोगों को नियंत्रित किया जाता है। यह हल्के से मध्यम रोगों में अत्यंत कारगर होती है।

3. रसायन चिकित्सा (Rejuvenation)

यह इलाज शरीर को भीतर से मज़बूत बनाता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और उम्र बढ़ाने में सहायक होता है। च्यवनप्राश, अश्वगंधा, ब्राह्मी जैसी औषधियाँ इसमें प्रमुख हैं।

इसे भी पढ़ें :घरेलू उपाय: स्वास्थ्य, सुंदरता और रोज़मर्रा की समस्याओं के लिए असरदार देसी नुस्खे

4. वाजीकरण चिकित्सा (Aphrodisiac Therapy)

इस चिकित्सा विधि का उद्देश्य यौन शक्ति, वीर्य की गुणवत्ता और प्रजनन क्षमता को बढ़ाना होता है। यह दंपतियों के लिए लाभकारी मानी जाती है।

5. निदान परिहार (Avoiding the Cause)

आयुर्वेद के अनुसार किसी भी रोग का इलाज तभी संभव है जब हम उसकी जड़ तक जाएँ। इसलिए रोग के कारण को पहचानकर उसे दूर करना ही सबसे पहला और स्थायी इलाज माना गया है।

See also  चना खाने के फायदे: स्वास्थ्य के लिए एक देसी सुपर फूड

आयुर्वेदिक इलाज के 10 प्रमुख लाभ

1. प्राकृतिक और सुरक्षित इलाज:बिना किसी साइड इफेक्ट के।

2. रोगों की जड़ से उपचार: लक्षण नहीं, कारण को समाप्त करता है।

3. शारीरिक और मानसिक संतुलन: त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करता है।

4.. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि।

5. लंबी उम्र और जीवन शक्ति में सुधार।

6. डायबिटीज, बीपी, त्वचा रोग, मोटापा जैसे रोगों का स्थायी इलाज।

8. सस्ती और सुलभ चिकित्सा।

9. सही दिनचर्या और आहार पर बल।

10. योग और ध्यान से पूरक चिकित्सा।

आयुर्वेदिक इलाज किन रोगों में प्रभावी है?

  • मोटापा
  • मधुमेह (डायबिटीज)
  • उच्च रक्तचाप (हाई बीपी)
  • थायरॉइड
  • कब्ज और पाचन संबंधी रोग
  • त्वचा रोग (दाद, खुजली, सोरायसिस)
  • अनिद्रा और तनाव
  • जोड़ों का दर्द और गठिया
  • सिरदर्द और माइग्रेन
  • यौन दुर्बलता

इसे भी पढ़ें:आहार और पोषण: बेहतर स्वास्थ्य के लिए सम्पूर्ण मार्गदर्शिका

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. क्या आयुर्वेदिक इलाज पूरी तरह सुरक्षित है?

हाँ, यदि योग्य वैद्य की सलाह से लिया जाए तो यह पूरी तरह सुरक्षित और बिना साइड इफेक्ट्स वाला इलाज है।

2. पंचकर्म कब कराया जाना चाहिए?

पंचकर्म मौसम परिवर्तन के समय या शरीर में भारीपन, थकान, त्वचा रोग आदि की स्थिति में कराया जा सकता है।

2. पंचकर्म कब कराया जाना चाहिए?

पंचकर्म मौसम परिवर्तन के समय या शरीर में भारीपन, थकान, त्वचा रोग आदि की स्थिति में कराया जा सकता है।

3. आयुर्वेदिक दवाएं कितने समय तक लेनी चाहिए?

समस्या की प्रकृति पर निर्भर करता है। कुछ दवाएं 15 दिन में असर दिखाती हैं जबकि कुछ को लंबे समय तक लेना पड़ता है।

4. क्या आयुर्वेदिक इलाज से कैंसर का इलाज संभव है?

आयुर्वेद में कैंसर को नियंत्रित करने और शरीर को मज़बूत बनाने की कई विधियाँ हैं, परन्तु यह केवल वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में काम करता है।

5. क्या आयुर्वेद केवल बूढ़ों के लिए है?नहीं, आयुर्वेद सभी आयु वर्गों के लिए उपयुक्त है – बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक।

नहीं, आयुर्वेद सभी आयु वर्गों के लिए उपयुक्त है – बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक।

See also  वजन घटाने के 21 असरदार और सुरक्षित टिप्स – बिना डाइटिंग के फिट कैसे रहें

6. क्या आयुर्वेद में डाइट फॉलो करना ज़रूरी होता है?

हाँ, आहार और विहार आयुर्वेद का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बिना इसके इलाज प्रभावी नहीं होता।

7. आयुर्वेदिक दवा का असर धीरे होता है?

सही दवा और डाइट के साथ असर तेज़ भी हो सकता है। यह जड़ से इलाज करता है, इसलिए समय लगता है।

8. आयुर्वेदिक इलाज और योग में क्या संबंध है?

योग आयुर्वेद का पूरक है। दोनों मिलकर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं।

9. क्या आयुर्वेद में जांच होती है?

हाँ, नाड़ी परीक्षण, जिह्वा, आंख, मल-मूत्र आदि के माध्यम से रोग का निदान किया जाता है।

10. क्या आयुर्वेदिक इलाज ऑनलाइन लिया जा सकता है?

आजकल कई प्रतिष्ठित आयुर्वेद संस्थान ऑनलाइन परामर्श और दवाएं उपलब्ध कराते हैं।

आपके लिए खास:वजन घटाने के 21 असरदार और सुरक्षित टिप्स

🇮🇳 भारत में कई प्रतिष्ठित आयुर्वेद विद्यालय (Ayurveda Colleges/Institutes)

भारत में कई प्रतिष्ठित आयुर्वेद विद्यालय (Ayurveda Colleges/Institutes) हैं जो पारंपरिक और आधुनिक आयुर्वेद शिक्षा प्रदान करते हैं। नीचे प्रमुख आयुर्वेदिक कॉलेजों और संस्थानों की सूची दी जा रही है, जो देशभर में स्थित हैं:

1. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी – उत्तर प्रदेश

  • संस्थान:Faculty of Ayurveda यह भारत का एक सबसे पुराना और प्रतिष्ठित आयुर्वेद विभाग है।
  • पाठ्यक्रम: BAMS, MD (Ayurveda), PhD, डिप्लोमा
  • प्रवेश प्रक्रिया:BAMS में प्रवेश NEET-UG के माध्यम से होता है। अन्य पाठ्यक्रमों के लिए संबंधित प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
  • Website: bhu.ac.in

2. राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (NIA), जयपुर – राजस्थान

यह भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन एक राष्ट्रीय संस्थान है, जो आयुर्वेद में उच्च शिक्षा और शोध के लिए प्रसिद्ध है।

  • पाठ्यक्रम: BAMS, MD/MS (Ayurveda), PhD, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स
  • प्रवेश प्रक्रिया:BAMS में प्रवेश NEET-UG के आधार पर होता है। MD/MS के लिए AIAPGET आवश्यक है।
  • वेबसाइट: nia.nic.in

3. गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर – गुजरात

यह विश्वविद्यालय आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध, पढ़ाई और क्लिनिकल प्रैक्टिस के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है।

  • पाठ्यक्रम: BAMS, MD/MS (Ayurveda), PhD, योग और प्राकृतिक चिकित्सा
  • प्रवेश प्रक्रिया: BAMS में प्रवेश NEET-UG के माध्यम से होता है। MD/MS के लिए विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा आवश्यक है।
  • वेबसाइट: ayurveduniversity.edu.in
See also  Baalon Jhadna Kaise Roke- बालों का झड़ना – कारण, घरेलू उपाय और बचाव

4. तिलक आयुर्वेद महाविद्यालय, पुणे – महाराष्ट्र

यह आयुर्वेद शिक्षा का एक प्रसिद्ध संस्थान है जो बीएएमएस और एमडी (आयुर्वेद) जैसे कोर्स कराता है।

  • पाठ्यक्रम: BAMS, MD (Ayurveda), PhD
  • प्रवेश प्रक्रिया:BAMS में प्रवेश NEET-UG के माध्यम से होता है। MD के लिए AIAPGET आवश्यक है।
  • वेबसाइट: tilakayurved.org

5. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय – IMS (Institute of Medical Sciences), वाराणसी

यह संस्थान आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों की पढ़ाई करता है और अत्यंत प्रतिष्ठित है।

  • पाठ्यक्रम: BAMS, MD/MS (Ayurveda), PhD, डिप्लोमा
  • प्रवेश प्रक्रिया: BAMS में प्रवेश केरल CEE द्वारा आयोजित KEAM परीक्षा के माध्यम से होता है।
  • वेबसाइट: bhu.ac.in

6. आयुर्वेद महाविद्यालय, त्रिवेंद्रम – केरल

केरल राज्य आयुर्वेद चिकित्सा और पंचकर्म के लिए प्रसिद्ध है, और यहां कई उत्कृष्ट कॉलेज हैं।

  • पाठ्यक्रम: BAMS, MD/MS (Ayurveda)
  • प्रवेश प्रक्रिया: BAMS में प्रवेश NEET-UG के माध्यम से होता है। MD/MS के लिए AIAPGET आवश्यक है।
  • वेबसाइट: gactvm.kerala.gov.in

7. सरकारी आयुर्वेद महाविद्यालय, बैंगलोर – कर्नाटक

यह BAMS व MD स्तर पर शिक्षा देने वाला प्रमुख आयुर्वेदिक संस्थान है।

  • पाठ्यक्रम: BAMS
  • प्रवेश प्रक्रिया: BAMS में प्रवेश NEET-UG के माध्यम से होता है। न्यूनतम 50% अंकों के साथ 10+2 (PCB) उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
  • वेबसाइट: gamcb.com

8. श्री धन्वंतरि आयुर्वेद कॉलेज, चंडीगढ़ – पंजाब

यह उत्तरी भारत में एक प्रमुख निजी आयुर्वेदिक कॉलेज है।

  • पाठ्यक्रम: BAMS, MD/MS (Ayurveda)
  • प्रवेश प्रक्रिया: BAMS में प्रवेश NEET-UG के माध्यम से होता है। MD/MS के लिए AIAPGET आवश्यक है।
  • वेबसाइट: sdach.ac.in

9. राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, बेंगलुरु – कर्नाटक

इस यूनिवर्सिटी से जुड़े कई आयुर्वेद कॉलेज हैं जो BAMS और PG कोर्स कराते हैं।

  • पाठ्यक्रम: BAMS, MD/MS (Ayurveda)
  • प्रवेश प्रक्रिया: BAMS में प्रवेश NEET-UG के माध्यम से होता है। MD/MS के लिए AIAPGET आवश्यक है।
  • वेबसाइट: rguhs.ac.in

10. आयुर्वेद विश्वविद्यालय, हरिद्वार – उत्तराखंड

योग और आयुर्वेद के गढ़ हरिद्वार में कई सरकारी और निजी संस्थान हैं, जैसे Patanjali Ayurved College।

  • पाठ्यक्रम: BAMS, MD/MS (Ayurveda)
  • प्रवेश प्रक्रिया: BAMS में प्रवेश NEET-UG के माध्यम से होता है। MD/MS के लिए AIAPGET आवश्यक है।
  • वेबसाइट: pac.divyayoga.com

इसे भी पढ़ें :डायबिटीज और हाई बीपी: कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के आसान तरीके

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *